The Definitive Guide to lyrics shiv chalisa
The Definitive Guide to lyrics shiv chalisa
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अर्थ- हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमददेवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
क्षम्यतां नाथ, अधुना अस्माकं दोषः अस्ति।
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
त्रिपुरासुरेण सह युद्धं प्रारब्धम् ।
शिव आरती
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
वैसे तो आप शिव चालीसा को किसी भी दिन बोल सकते हैं, लेकिन रविवार, सोमवार तथा बुधवार को भगवान शंकर जी की चालीसा करने का बड़ा महत्व बताया गया.
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक संबंध निर्माण करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक read more शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.